आंसुओ को भर के कलम में,




आंसुओ को भर के कलम में, ये पैगाम लिख डाला,
बरसों से जो बसते है दिल मे, उन्हें अनजान लिख डाला ।
जिन्हें जान जान कहते थे, वे ऐसे जानवर हुए ,
कत्ल कर मेरा, मोहब्बत पे कुर्बान लिख डाला ।



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