निशाने की बड़ी पक्की थी वो,



निशाने की बड़ी पक्की थी वो,
मेरा हर बार चूकता है ।
याद उसकी जब जब आती है, 
दिल हर बार टूटता है ।
ना रो सकता हूँ , ना चीख सकता हु,
ये उसका खेल ना मैं सीखा ना सीख सकता हु ।

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